मन की चौपाल, अधिवक्ताओं के साथ। |
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इंडियन मीडिया वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से 28 जून को जूम मीटिंग के द्वारा अधिवक्ताओं के मन की चौपाल हुई, जिसमें अधिवक्ताओं ने कोरोना काल के समय से अब तक चली आ रही सभी अधिवक्ताओं की परेशानियां बताई, |
अधिवक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकारों ने कोरोना काल के समय से अब तक अधिवक्ताओं की कोई मदद नहीं की है, अधिवक्ताओं ने कहा कि हमने कई बार राज्य सरकारों से मदद के लिए चिट्ठी भेजी लेकिन राज्य सरकारों ने हमारी कोई मदद नहीं की, हमारी मांगों को नहीं माना गया, सिर्फ दिल्ली सरकार ने जो अधिवक्ता कोरोना चपेट में आए और हॉस्पिटल में भर्ती हुए सिर्फ उनको 50000 रुपए की सहायता राशि प्रदान की और दिल्ली बार काउंसिल ने दिल्ली के 20000 वकीलों को पांच - पांच हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की। अधिवक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकारों की बार काउंसिल और इंडियन बार काउंसिल हमारी कोई मदद नहीं कर रही है। अधिवक्ताओं ने कहा कि दिल्ली एनसीआर के जो अधिवक्ता किराए पर रहते थे, उनका काम ठप होने की वजह से अपने- अपने गांव चले गए उनके पास किराया देने तक के पैसे नहीं थे। अधिवक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार हमारे अधिवक्ताओं के यूनियन को तोड़ रही हैं, जबकी अधिवक्ताओं ने देश की हर लड़ाई में साथ दीया है। अधिवक्ताओं ने कहा हमें इंडियन बार काउंसिल को मजबूत करना होगा, ताकि इंडियन बार काउंसिल के माध्यम से अपनी मांगे मनवा सके। अधिकता ने कहा कि हम लाइन में नहीं ले सकते, हमें सरकारी सुविधाएं घर तक पहुंचाई जाए क्योंकि हमारा समाज में मान सम्मान है। |
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